विदेशों की तरह भारत में भी स्मार्ट खेती का चलन बढ़ रहा है। स्मार्ट फ़ार्मिंग यानी तकनीक का उपयोग करके पैदावार बढ़ाना, उदाहरण के लिए, सेंसर की मदद से मिट्टी में पानी की सही मात्रा प्राप्त करना, जो मिट्टी की नमी को बताता है। इसका उपयोग पानी की खपत को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है।
प्लास्टवेयर रॉक्स प्लांट मॉइश्चर इंडिकेटर, डॉ। मेटर 10, टेक सोर्स सॉल्यूशंस सेंसर इस काम के लिए बाजार में 1 से 5000 रुपये तक उपलब्ध होंगे। आप ई-कॉमर्स वेबसाइट या किसान ई-स्टोर जैसे प्लेटफार्मों पर भी ऑर्डर कर सकते हैं। तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान में किसानों ने भी इसका उपयोग शुरू कर दिया है।
गर्मी और कीड़ों के बारे में जानकारी देने वाले सेंसर भी कई तरह के सेंसर मौजूद होते हैं, जो गर्मी, धूप और कीट आदि के स्तर की जानकारी प्रदान करते हैं। फसलों की स्थिति का विश्लेषण करके सटीक पूर्वानुमान लगाना संभव है।
कोयंबटूर: साइंटिस्ट ने SMI सेंसर किया हुआ नाम
तमिलनाडु के कोयम्बटूर में गन्ना प्रजनन संस्थान के वैज्ञानिकों ने खेत में मौजूद नमी के अनुसार सिंचाई की जानकारी देने वाला सेंसर बनाया है। इसे SMI के नाम से जाना जाता है। इस उपकरण के बारे में जानकारी कोयम्बटूर और हरियाणा के करनाल स्थित क्षेत्रीय गन्ना प्रजनन केंद्र से फोन या पत्र के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।