अयोध्या मामले पर फैसले के बाद, सुरक्षा एजेंसियां फेसबुक, व्हाट्सएप, वीचैट, इंस्टाग्राम या अन्य जैसे सामाजिक प्लेटफार्मों पर कड़ी नजर रख रही हैं। ऐसे में अगर आप भी व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन हैं और चाहते हैं कि केस से जुड़ी कोई मैसेज, फोटो, वीडियो या अन्य फाइल न हो तो तुरंत उस ग्रुप की सेटिंग बदल दें। यदि समूह में मामले से संबंधित कोई नकारात्मक गतिविधि है तो इसके लिए व्यवस्थापक को जिम्मेदार माना जाएगा।
इस सेटिंग को व्हाट्सएप ग्रुप में अप्लाई करें
- सबसे पहले आपने जो व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है उसे ओपन करें।
- अब तीन डॉट्स पर टैब करें और ग्रुप इंफो पर टैप करें।
- यहां आपको ग्रुप सेटिंग्स का विकल्प दिखाई देगा।
- समूह जानकारी संपादित करें और संदेश भेजने के लिए केवल व्यवस्थापक चुनें।
- अगर आपके अलावा ग्रुप में कोई एडमिन है, तो एडिट ग्रुप एडिंस पर जाएं और उन्हें कुछ समय के लिए हटा दें।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों वाली संविधान पीठ ने शनिवार को अयोध्या मामले पर फैसला सुनाया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने 45 मिनट के लिए फैसले को पढ़ा और कहा कि मंदिर के निर्माण के लिए एक ट्रस्ट बनाया जाना चाहिए और इसकी योजना 3 महीने में तैयार की जानी चाहिए। अदालत ने 2.77 एकड़ की विवादित भूमि को रामलला विराजमान को देने का आदेश दिया और पूछा कि मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के निर्माण के लिए 5 एकड़ वैकल्पिक भूमि आवंटित की जाए।